Friday 26 January 2018

मोनसेंटो और भारतीय किसानों की आत्महत्याएँ- कॅप्टन अजीत वाडकायिल


शुक्रवार, 11 मई, 2012

यह पोस्ट निम्न लिंक से लिया गया है :-http://ajitvadakayil.blogspot.in/2012/05/monsanto-and-farmer-suicides-in-india.html

ajitvadakayil.blogspot.in/ 



मोनसॅंटो-आनुवांशिक रूप से संशोधित बीज(जी.एम.ओ. बीज) और भारतीय किसान .
 

मोनसॅंटो ज़ियोनिस्ट-रोत्सचाइल्ड ग्रूप से तालुक रखता है .
हाँ - रॉकफेलर और फोर्ड फाउंडेशन ,जो टीम अन्ना को चंदा दे रहे  हैं और उन्हें कई पुरस्कार भी दिए हैं, वे भी इस ग्रूप के सदस्य हैं .



जर्मन यहूदी रोत्सचाइल्ड खानदान ईस्ट इंडिया कंपनी का मालिक था,जिसने भारत पर शासन किया और अफ़ीम का धनदा करके खूब पैसा कमाया .



यहूदी जिओनिस्ट मोनसेंटो परिवार ने 'गुलाम व्यापार' से अपने धन्दे की शुरुआत की .आज वियतनामी 'डोव प्रायोजित' ब्रिटिश ओलंपिक के  खिलाफ हंगामा कर रहे हैं .



खैर, मोनसेंटो ने एजेंट ऑरेंज बनाया था . Google में टाइप करें-AND THE WINNER IS-VADAKAYIL.
 

भारत में बहुत सारे मोनसेंटो से पैसा लेने वाले एनजीओ "डबल एजेंट" हैं . वे एड़ी छोटी का ज़ोर लगाकर ऑर्गॅनिक/जैविक खेती के लिए लड़ते हैं , लेकिन पर्दे के पीछे वे मोनसेंटो के एजेंट हैं ।

मोनसेंटो ब्रांड इस ग्रह पर सबसे खराब ब्रांड है । वे पूरी तरह से नंगे हुए हैं ।

 


फिर भी, रॉथसचाइल्ड द्वारा वित्त पोषित किसी भी भारतीय टीवी चैनल को आप मोनसेंटो का नाम लेते हुए भी नही सुनेंगे .रोत्सचाइल्ड के डर के कारण वे डरते   हैं . यह टीवी चैनलों ने भारत में 2 लाख किसानों की आत्महत्याओं के लिए मगरमच्छ के आँसू रोए हैं . वे सभी जानते हैं कि मोनसेंटो जिम्मेदार है ,फिर भी वे कभी एम शब्द का प्रयोग नही  करेंगे ,कौन साला पैसों वाली नौकरी खोना चाहता है .




मोनसेंटो ,भारतीय राजनेताओं को रिश्वत खिलाकर , आनुवंशिक रूप से इंजीनियर (जी एम ओ) बीज बेचने के लिए भारत आए थे  , एक बार जब आप मोनसेंटो का वेतन लेते हैं तो आप इसके बाहर नहीं निकल सकते . यह किसी भी 'ड्रग्स के धन्दे'  की तरह है,एक बार अंदर आ गये तो बाहर नही जा सकते .




क्योंकि मॉनसॅंटो ' मरसीनेरी सिपाहियों' का इस्तेमाल करते हैं .
मरसीनेरी का अर्थ--एक व्यक्ति जो धन कमाई के लिए युद्ध लड़ता है या खून करता है (उदाहरण-सीरिया में आईसिस के आतंकी) .
ब्लैकवॉटर  मरसीनेरी जानते हैं कि मन्सेंटो के कहे पर ना चलने वाले लोकप्रिय हस्तियों को कैसे दंडित करना है .





इराक में, इस हिट-टीम ब्लैकवॉटर को 'छाया आर्मी' कहा जाता था।
2009 में,रोथ्सचाइल्ड द्वारा नियंत्रित फोर्ब्स पत्रिका  ने मोन्सेंटो को वर्ष 2009 की 'कंपनी ऑफ द इयर' से नमाज़ा . फोर्ब्स के '500 सबसे अमीर लोग' में रोथ्सचाइल्ड का नाम भी नहीं है जो इस दुनिया को चला रहे हैं .
 


हम भारतीय देश विरोधी टीवी समाचार चैनल और मीडिया को जानते हैं, जिन्होंने मोनसेंटो को हमारी मातृभूमि को बेच दिया है। हां ये वही लोग हैं जो रोथ्सचाइल्ड  के पुरस्कारों से नमाज़े जाते हैं।


हम व्यक्तिगत पत्रकारों पत्रकारों और गैर सरकारी संगठन(एन.जि.ओ) को भी जानते हैं जो मोनसेंटो द्वारा संचालित जनहितैषी संगठनों से पुरस्कार प्राप्त करते हैं।




हमें मालूम है कौन-कौन मोनसेंटो/ रोथ्सचाइल्ड के खर्चे पर अमेरिका  और यूरोप के दौरे पर बार-बार जाते हैं .एक वक़्त आएगा जब इन सभी गद्दारों को पकड़कर जेल में डाल दिया जाएगा - वैसे ही राजा अभी जेल में है।
 


मोनसेंटो के कारण, इस ग्रह पर मधुमक्खी की जनसंख्या में कमी आई है . यह खतरनाक है क्योंकि परागण(पोलीनेशन) के लिए मधुमक्खियां आवश्यक हैं।




कोई मधुमक्खी ना होने से यह धरती एक दशक से भी कम समय में ख़तम हो जाएगी जब मधुमक्खियाँ कीटनाशकों से प्रभावित होती हैं, तो उनके अंदर बनाबनाया रडार बंद हो जाते हैं, और वे खो जाती हैं .
Google में टाइप करें - THE QUEEN BEE , VADAKAYIL. 




एक साल पहले मोन्सेंटो ने 'रिसर्च कंपनी बीलोगिक्स(Beelogics) को  खरीद लिया,ताकि वह उनकी पारवी कर सके .



रोत्सचाइल्ड आईएमएफ और विश्व बैंक को नियंत्रित करता है .
एक दशक पहले, आईएमएफ से फ़ंड लेने के बदले में, भारत सरकार ने मोनसेंटो को भारत में "अनुमति दी थी .




मोनसेंटो ने अपनी शुरूवात जीएम या आनुवंशिक रूप से संशोधित 'कपास' से की थी .

मोनसेंटो द्वारा वित्त पोषित गैर सरकारी संगठनों ने बहुत से किसानों को जीएम बीज को ट्राई करने के लिए खूब पसीना बहाया .
 


ईसा मसीह को भोले किसानों को बेचने के अलावा, ईसाई मिशनरी संगठन भी जीएमओ को बढ़ावा देने में शामिल थे। 





कठपुतली प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वो नहीं किया जो उन्हें देश के लिएकरना चाहिए . बहुत जल्द 90% भारतीय  किसान जीएम कपास के बीज  का इस्तेमाल करने लगे . 5 वर्षों के बाद इन किसानों का बहुत नुकसान हुआ। उन्हें नहीं पता था कि इन जीएम बीजों को अधिक पानी और अधिक मोनसेंटो कीटनाशकों की आवश्यकता होती है।

 

एक बार मोनसेंटो ने कपास के बीजों में एकाधिकार प्राप्त किया तब वे कीमतों को बड़ाने लगे . किसानों को लिखित उपक्रम देने में बेवकूफ बनाया गया था कि उन्हें हर बार नए बीज खरीदना पड़ेगा . उन्होंने बूड़े किसानों से उनके खुद के बीजों
का उपयोग करने के हक़ छीन लिया है।

मोनसेंटो के जीएम बीज टर्मिनेटर बीज या बंजर बीज हैं .
और जैसा कि बिल गेट्स ने विंडोज संस्करण में बदलाव किया, मोनसेंटो ने भी अपना संस्करण 1, संस्करण 2.2 बीज शुरू   है . इसलिए किसानों को धन उधारदाताओं से पैसे उधार लेना पड़ा , और घटती उपज फसलों के साथ खुद को कर्ज जाल में फसाया .


एक महीने में एक हज़ार किसानों ने आत्महत्या की, तब भी, एक भी टीवी चैनल या मीडिया ने इसके बारे में  ईमानदार तरीके से नहीं बताया है। 



मोनसेंटो के दावों के विपरीत, आनुवंशिक रूप से इंजीनियर बीज उपज में वृद्धि नहीं करता है। मोनसेंटो पद्धति ने 'सुपर जंगली घास' और 'सुपर कीट' को जन्म दिया है , क्योंकि वे कीट-प्रतिरोधक बन जाते हैं . भूजल भी प्रदूषित हुआ है क्योंकि अधिक घातक कीटनाशकों को अधिक खुराक में इस्तेमाल किया जा रहा है।
 


ईमानदारी से कहूँ तो भारतीयों को बलि के बकरे की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है , सब हमारे राजनेताओं के आशीर्वाद से - जिनके पास स्विस बैंक खाते हैं . वैसे स्विस बैंकों का मालिक रोथ्सचाइल्ड है .

आजकल यदि आप भारत में अस्पताल जाते हैं, तो गुर्दा और जिगर के भाग भरे होते हैं। इसके लिए किसको  धन्यवाद देना चाहिए?


अमरीका के सत्ता के गलियारों में मोनसेंटो के आदमी होते हैं। वे राजनीतिक सिस्टम के लिए खूब चंदा देते हैं। यही कारण है कि अमेरिकी राजनेता  भारत में आते हैं, और कुछ चुनिंदा बहु-राष्ट्रीय फर्मों की प्रशंसा करते रहते हैं।

भारत को जर्मनी,हंगरी, आयरलैंड आदि मुल्कों की तरह जीएमओ बीज पर रोक लगानी चाहिए .जब तक हमारे नेताओं को रिश्वत दी जाती है, तब तक ऐसा नहीं हो पाएगा है। 

 

हमारे भ्रष्टाचार विरोधी  मोनसेंटो द्वारा वित्तपोषित एनजीओ, भारत की जनता  की आँख में धूल झोन्क्ते हैं . हमारे टीवी चैनलों के मुख्य समय पर कीट जैसे दिखने वाले लोग आते हैं,जो अपने ही देशवासियों को गुमराह करते हैं .

बहुत सारे लोगों को मोनसेंटो के साथ समस्या नहीं होगी अगर वे ईमानदार हैं। वे पृथ्वी के मसीहा और उद्धारकर्ता होने का बहाना करते हैं .उनके पास एक पॉलिसी और मुख्य मूल्य संकल्प है जो आपको रोएगा, जो की निम्न  चित्रा के नीचे लिखा है .

यह आत्म-भ्रम की ऊंचाई है .
बाप रे बाप !!

सत्यनिष्ठा :
सत्यनिष्ठा एक नींव है जो हम सभी के लिए करते हैं . सत्यनिष्ठा में ईमानदारी, शालीनता, स्थिरता और साहस शामिल हैं .
योगदान(साझा) :
वैज्ञानिक ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए हम ज्ञान और तकनीक साझा करेंगे,कृषि और पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए .
हम फसलों में सुधार, और विकासशील देशों में किसानों की सहायता करने के लिए प्रयास करेंगे .   

सम्मान:
हम पूरे विश्व के लोगों की धार्मिक, सांस्कृतिक और नैतिक चिंताओं का सम्मान करेंगे। हमारे कर्मचारियों की सुरक्षा, जिन समुदायों में हम काम करते हैं, हमारे ग्राहकों, उपभोक्ताओं और पर्यावरण,हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी .

 

फिर वे भारत में 2 लाख किसानों की आत्महत्याओं को कैसे समझाते हैं,जो मोनसेंटो से प्रभावित हैं? अरे, आपने जो जीवन लिया है उसके लिए कुछ मुआवजा देने के बारे में क्या। इन किसानों ने मोनसेंटो के बीज खरीदने के लिए संपार्श्विक(कॉलेटरल) के भुगतान पर अपनी जमीन खो दी। उन्हें 'सुनहरे फसल की कटाई' के सपने दिए गए थे, है ना?


भारत में, हमारे पास 130 करोड़ के देश में 60% किसान हैं,जबकि यह संयुक्त राज्य अमेरिका में केवल 1% है .



पहले से ही वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ का उपयोग करके अमेरिकी राजनेता ,इन 60% किसानों को 10% तक करने के लिए, भारत से हेरफेर कर रहे हैं .न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ ने 2009 में  किसान के आत्महत्या का आँकड़ा 17368 बतायाहेरफेर कर रहे हैं.. इसने इंग्लेंड के प्रिंस चार्ल्स को ,भारतीय कृषि पर  मन्सेंटो के दबदबे की आलोचना करने के लिए प्रेरित किया .'नॅचुरल न्यूज़' द्वारा आयोजित एक अमेरिकी सर्वेक्षण(16000 लोग) में आश्चर्यजनक 51% लोगों ने मोनसेंटो को इस ग्रह की सबसे ज्यादा खुराफाती कंपनी बताया .

आज  मोनसेंटो दुनिया भर में 90% से अधिक जीएम बीजों का मालिक है . कौन कहता है कि इसे एक सैन्य रणनीति के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है , किसी देश को अपने घुटनों तक लाने के लिए? जब अमेरिका ने इराक पर क़ब्ज़ा किया,तब अमेरिकी सेना के गवर्नर की पहली बात यह थी कि केवल मोनसेंटो जीएम बीज का ही इस्तेमाल ईराक में किया 
जाएगा .



क्या आप यह  विश्वास कर सकते हैं? मोनसेंटो ने गुजरात सरकार पर मुक़दमा किया कि बीज के मूल्यों को नियंत्रित करने का उनके(सरकार के) पास कोई अधिकार नहीं है।  और मोनसेंटो के लिए कौन लड़ रहा है?  इटॅलियन क्रिस्चियन महिला सोनिया गांधी के पालतू योद्धा अभिषेक सिंघवी . वह एक ऐसी महिला है जिसने भारत के परमाणु अधिकारों के जाने पर हस्ताक्षर किए। 



मोनसेंटो ने भारतीय राजनेताओं को रिश्वत दी है, ताकि वे कई भारतीय राज्यों में मक्‍के का बीज फ्री में दे सकें, ताकि जाल में फ़साया जा सके। यह प्रधान मंत्री का कार्यालय था, जिसने अधिकांश बुनियादी काम किए।



एक बार जब एकाधिक रीटेल(वालमार्ट) में एक.डी.आई आएगा, तब वे केवल अपने यहूदी ज़ियोनिस्ट भाइयों के बंजर सीड उत्पादों को अपने स्टोर में बेचेंगे .हां, बड़े खेतों में उनके चमचो का स्वामित्व है . छोटे-मोटे किसानो-तुम सब बहाड़ में जाओ !

अब यह उनका एक नया प्रयास है .वे ग्लोबल वार्मिंग के लिए उच्च तकनीकी समाधान दे रहे हैं ! वे भोजन के अलावा, धरती के जल संसाधनों को नियंत्रित करने की तलाश करते हैं।

2010 में, भारतीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने जीएम बीज पर रोक लगा दी थी .
लेकिन भारतीय कृषि का निजीकरण करने के लिए मोनसेंटो जारी रहेगा . क्यों नहीं? उनके पास रिश्वत खाने वाले  राजनेता  और उनके पीछे बिकी हुई मीडिया है .
 


लगभग सभी जीएम फसलें ऐसे जीन के साथ तैयार की जाती हैं जो
 शक्तिशाली शाकनाशी(हर्बिज़ाइड) का सामना कर सके ,जिसे  राउंड अप या ग्लाइफोसेट कहा जाता है . यह गोल कीटनाशक मनुष्य के लिए बहुत खतरनाक है .

 




65 प्रतिशत से अधिक अमेरिकी मकई फसलों में एक विशेष जीन शामिल है जो उन्हें एक कीटनाशक बनाने  में  मदद करता है। इस तरह जब कीड़े,मकई को खाने का प्रयास करते हैं, तो वे तुरंत मर जाते हैं (विशेष रूप से उनका पेट कट जाता है) , क्योंकि पौधे में एक अदृश्य, निर्मित कीटनाशक ढाल होता है। ज़्यादातर मकई फसलों में विशेष रूप से जीन बीटी-टोक्सीन का एक प्रकार होता है जो की बैसिलस थुरिंजिनसिस बैक्टीरिया (Bacillus thuringiensis bacteria) से उत्पन्न होता है . आनुवंशिक(जेनेटिक) इंजिनियर बॅक्टीरिया में बीटी का उत्पादन करने वाले जीन को हटा देते हैं और उसे मकई (और कपास) पौधों के डीएनए में डाल देते हैं . उनका दावा है कि मानव के पेट में बीटी-विष जल्दी नष्ट हो जाता है और अगर यह बच भी जाता है, तो यह मनुष्य या स्तनधारियों में प्रतिक्रियाओं का कारण नहीं बनेगा,जो की सफेद झूट है . बीटी विष आसानी से मानव रक्त धारा में पारित हो जाता है . बीटी-विष की वजह से मनुष्य के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है.

 

जब एक बार यह जीएम फसलें और जीन जंगली हो जाती हैं , वे अंततः सभी गैर-जीएम फसलों को दूषित करती हैं ,ताकि भविष्य में कुछ समय में, दुनिया में गैर-जीएम फसल न होने पाए . एक बार जीएम जीन ने सभी गैर जीएम पौधों को दूषित कर दिया तब पौधों से इन कृत्रिम(सिंथेटिक) जीन को निकालने का कोई तरीका नहीं है।हम सभी जहरीले खाद्य पदार्थों का उत्पादन करने वाले इन ज़हरीले पौधों के साथ फँस जाएँगे .

वास्तव में, यह कहा जाता है कि सुपरमार्केट के बॉक्स में आने वाला कोई भी भोजन जीएम तत्वों को शामिल करने वाला माना जा सकता है।

जीएम खाद्य पदार्थ कई समस्याओं से जुड़ा हो सकते है . विशेष रूप से उन्हें परिभाषित करना कठिन है   क्योंकि जैव प्रौद्योगिकी या बाइयोटेक्नालजी कमपनि स्वतंत्र वैज्ञानिकों को अपने उत्पादों को प्राप्त करने की अनुमति नहीं देती है। उन्होंने राजनीतिक प्रक्रिया में हेरफेर की है ताकि उनके जीएम उत्पादों पर उनके पेटेंट की सुरक्षा हो।

आनुवंशिक रूप से संशोधित खाद्य पदार्थ डीएनए के विघटन का कारण बन सकते हैं, जो कि कैंसर बना देता है।

जीएम खाद्य पदार्थ खाने से बचने के लिए, आपको यह करना चाहिए:
1) ऑर्गॅनिक सामान खरीदें, जिसे जीएम इनपुट का उपयोग करने की अनुमति नहीं है .
2) गैर-जीएमओ लेबल वाले उत्पाद खरीदें .

हम मोनसेंटो को भारत के नींव के साथ छेड़छाड़ करने की अनुमति क्यों दे रहे हैं ,जब हम सिर्फ 800 साल की गुलामी से मुक्त हुए हैं?


क्या हमें इन फ्रेंकस्टीन भोजन के बीज और कीटनाशकों की ज़रूरत है?


हम अपने पूर्व शासक रोत्सचाइल्ड ग्रुप को हमारे गरीब किसानों से रॉयल्टी लेने के लिए क्यों अनुमति दे रहे हैं।

किसानों की आत्महत्याओं के लिए क्यों कोई प्रतिशोध नहीं होता??
 

क्या हमें जीएम बीजों की आवश्यकता है जो मोनसेंटो उर्वरक और मोनसेंटो कीटनाशकों का उपयोग करते हैं . हमारे पारंपरिक ऑर्गॅनिक बीजों को सिर्फ मुफ्त गोबर और पानी की आवश्यकता होती है .

 

हम इन "लिपस्टिक" खाद्य पदार्थों को क्यों बना रहे हैं जिनके पास शून्य खाद्य मूल्य, खनिज और विटामिन हैं?
 

हम मोनसेंटो को हमारे गायों में 'कैंसर के कारण गोजातीय वृद्धि हार्मोन' आरबीजीएच में इंजेक्ट करने की अनुमति क्यों देते हैं?

 

हम मोनसेंटो को भारत पर बेहिचक और पूर्ण नियंत्रण क्यों दे सकते हैं?

 

क्या हमारे पास राक्षस मोनसेंटो के बिना एक भारतीय दुनिया है?



मेरे शब्दों को चिह्नित करें - भारत में कैंसर, गुर्दा और मस्तिष्क की बीमारियों की रफ्तार .बड़ने की प्रतीक्षा करें, सिर्फ 10 वर्षों के समय में।


कैप्टन अजीत वाड़काइल यह भविष्यवाणी करता है कि अगर हम जीएम फसलों को अनुमति देते हैं, तो इस पृथ्वी पर जीव्जंतु नष्ट हो जाएँगे .
इसका कारण यह है कि वे मधुमक्खियों को मारते हैं।
जहां भी जीएम मक्का लगाया गया है, वहां मधुमक्खियों की मृत्यु हो गई है।





घातक मधुमक्खी मारने वाले कीटनाशक (नोनिकोटीनोइड्स) इमिडैकोप्रिड और क्लॉथियानिडिन हैं, जिन्हें तुरंत अध्ययन किया जाना चाहिए ..


वे पराग और अमृत में जाते हैं, और मधुमक्खियों जैसे लाभकारी कीड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं .
निओ निकोटीनोइड कीटनाशक मधुमक्खियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाकर उन्हें मारता है .


हम जो खाते हैं  उसका एक तिहाई मधुमक्खियों और अन्य लाभकारी कीड़ों द्वारा परागणित होता है। यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में 30 अरब से अधिक का है।


यदि मधुमक्खियां मर जाती हैं, तो हमारे भोजन की आपूर्ति भी ख़त्म हो जाती है।

http://ajitvadakayil.blogspot.in/2011/09/queen-bee-and-darwin-capt-ajit.html
http://ajitvadakayil.blogspot.in/2011/08/honey-quantum-food-capt-ajit-vadakayil.html



उच्च स्तर पर जीएम मकई में फॉर्मलडिहाइड की खोज की गई है। फॉर्मलडिहाइड डीएनए को क्षति करता है और कैंसर का कारण बनता है
http://ajitvadakayil.blogspot.in/2012/08/formalin-as-fish-preservative-and.html

मोनसेंटो झूठा दावा करते हैं कि राउंडअप जानवरों और इंसानों के लिए हानिकारक नहीं है .


वे दावा करते हैं कि वे जिस पद्
धति का उपयोग करते हैं (जो जुंगली घास को मारने में मदद करता है), जिसे शिकीमेट पातवे, कहा जाता है,वो सभी जानवरों में अनुपस्थित है।


वे इस तथ्य को छिपाते हैं कि बैक्टीरिया में शिकीमेट पातवे मौजूद होता है जो स्तनधारियों और इंसानो के लिए  बेहद हानिकारक है। आपके शरीर में कोशिकाओं की तुलना में 10 गुना अधिक जीवाणु होते हैं।
आपके शरीर में हर कोशिका(सेल) के विपरीत,आपके पास विभिन्न प्रकार के 10 रोगाणु हैं , और उनमें से सभी के पास शिकीमेट पातवे है,तो वे सभी ग्लाइफोसेट की उपस्थिति में सक्रिय हो जाएँगे .

ग्लाइफोसेट, मोनसेंटो के व्यापक स्पेक्ट्रम हर्बासाइंस राउंडअप में सक्रिय संघटक है,  जिसे जीएम फसलों पर डाला जाता है .





ग्लाइफोसेट आपके शरीर में अच्छे और मित्रवत रोगाणुओं को मारता है। हम भारतीयों को कभी भी आत्मकेंद्रित, एलर्जी,,बांझपन, हाइपो थायराइड के कारण मंद बच्चे, बृहदांत्रशोथ, रोगी मोटापा, लड़कियों में छोटी आयु में पीरियड्स , विकृत बच्चों, अवसाद, हार्मोन विकार जैसी प्राब्लम नही होती थी , पर ग्रीन क्रांति के द्वारा जी एम प्रॉडक्ट से यह सब बदल गया है .
 


मोनसेंटो के राउंडअप को "ज़ेनो-एस्ट्रोजन" कहा जाता है, जो कि एक विदेशी एस्ट्रोजन है जो हमारे शरीर में वास्तविक एस्ट्रोजेन की नकल करता है। मैं शिपिंग  में रासायनिक क्षेत्र में हूं और मुझे इस सब का ज्ञान हैं।


 .
2009 में, एक फ्रांसीसी अदालत ने मोनसेंटो को झूठ बोलने का दोषी पाया जिसमे वे प्रचार कर रहे थे की "राउंडअप हर्बिसाइड" "बायोडिग्रैडबल", "पर्यावरण अनुकूल" और "मिट्टी को साफ करने वाला" होता है .
 

ज़िओनिस्ट जीएम कंपनियों ने हमारे राजनेताओं और सांसदों को रिश्वत दे रखी है।
कृपा और शांति !
 https://www.youtube.com/watch?v=d8CU3m_6Brg
 


कॅप्टन अजीत वाडकायिल

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