नाज़ी ज़्यादा संस्कृत और दयालु थे-कॅप्टन अजीत वाडकायिल
गुरुवार, 27 सितंबर, 2012
यह पोस्ट निम्न लिंक वाले पोस्ट का हिन्दी अनुवाद है:-
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फ़िलिस्तीन पर इजरायली क़ब्ज़ा, नाज़ी इनसे बेहतर मानव थे, फ़िलिस्तीन को यूएन द्वारा राज्य का दर्जा मिले - कॅप्टन अजीत वाडकायिल
"सच सच होता है भले कोई उसे विश्वास ना करे
झूठ झूठ होता है भले हर कोई उसपे विश्वास करे "
विषय रेखा को सारी दुनिया में मतदान के लिए रखा गया है (इस्लामी दुनिया को छोड़कर, क्योंकि वे पक्षपाती हो सकते हैं)---43% दुनिया का मानना है कि ज़िोनिस्ट यहूदी इजरायल नाज़ी जर्मनी से ज़्यादा खराब हैं.
पूरी दुनिया सोने का नाटक कर रही है और उम्मीद करती है कि कोई उन्हें जगाए. आज इसराइल के पनडुब्बी ईरान के नज़दीक आस-पास मंडरा रहे हैं.
देखें कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का नीचे दिए गए वीडियो में क्या कहना है। हमें कर्मों की जरूरत है, नाकी शब्दों की.
फिलिस्तीन में, हम संयुक्त राष्ट्र द्वारा निंदा किए गए 'राज्य आतंकवाद' देख रहे हैं.ब्रिटन अमरीका और कुछ चाटुकार पेसिफिक आइलॅंड छोड़कर दुनिया के सभी देश इसके खिलाफ है .
इसराइल एक दुष्ट आतंकवादी मुल्क है.
गैर-यहूदी नीच माने जाते हैं.मुसलमानों के साथ हैवनों जैसा बर्ताव होता है. सभी मानवाधिकार इनकार कर दिए गए हैं।
प्रतिरोध को आतंकवाद कहा जाता है. फिलिस्तीनियों का अपराध यह है की वे अपने वतन में आज़ादी से जीना चाहते हैं.
इसराइल एक दुष्ट आतंकवादी मुल्क है.
गैर-यहूदी नीच माने जाते हैं.मुसलमानों के साथ हैवनों जैसा बर्ताव होता है. सभी मानवाधिकार इनकार कर दिए गए हैं।
प्रतिरोध को आतंकवाद कहा जाता है. फिलिस्तीनियों का अपराध यह है की वे अपने वतन में आज़ादी से जीना चाहते हैं.
इजराइल का AIPAC द्वारा अमरीकी मीडीया में बहुत दबदबा है इसलिए वे फ़िलिस्तीन मस्ले पर एकतरफ़ा कवरेज दिखाते हैं . ज़िोनिस्ट आईपैक लॉबी अमरीकी सदन को बताती है कि क्या करना है.
ज़िोनिस्ट आईपैक लॉबी अमरीकी सदन को बताती है कि क्या करना है.
शर्मनाक!
एआईपीएसी अमरीका की दोनों पार्टियों-रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स की तुलना में अधिक शक्तिशाली है. वॉशिंगटन में यह सबसे शक्तिशाली बल है.
एक तरह से वे अमरीकी कॉंग्रेस(सदन) के मालिक हैं. यदि आप 435 प्रतिनिधियों और सीनेटरों के मालिक हैं तो आप दुनिया पर शासन करेंगे।
जब अक्खड़ धौंसिया बेंजामिन नेतनयाहू ने मई 24,2011 में अमरीकी कॉंग्रेस को भाषण दिया तब अमरीकी सांसदों ने उसके लिए 29 बार खड़े होकर ताली बजाई--आप ऐसा खुद ट्राइ करके देखें.
यह इतना अच्छे से संगठित था--कि कुछ यहूदी खड़े होकर ताली बजाएँगे और बाकी सांसद जॉर्ज ऑरवेल(ऐनिमल फार्म) के भेड़-बाकरों की तरह उनको फॉलो करेंगे.
धत्त्तेरी-बाद में यह पाया गया कि बहुसंख्यक सांसद डर से उठ
गए, क्योंकि वीडियो कैमरे उन्हे रिकॉर्ड कर रहे थे और जो कोई बैठा हुआ
दिखा,उसका अगली बार कॉंग्रेस में एलेक्ट होना बहुत मुश्किल हो जाएगा. ये है
अमरीकी लोकशाही.
अमरीकी सांसद सामान्य इज़राइल-समर्थक मुहावरे बोलते हैं जैसे,"इसराइल के लिए हमारी अटूट कमिटमेंट" "हमारे साझा-मूल्य और गहरे संबंध" "लोकतंत्र के लिए एक आम प्रतिबद्धता". अमेरिकी सीनेटर आज्ञाकारिता और वफ़ादारी के भद्दे शर्मनाक बयान देते हैं ताकि उन्हें एलेक्षन के लिए आईपैक लॉबी द्वारा चंदा,मुनाफ़ा मिल सके..
इजरायल की तूती बोलती है.
नेतन्याहू का भाषण:---
"परमाणु हथियार वाला ईरान इस क्षेत्र के लिए ख़तरा है जो कि हमास का समर्थन करके इज़राईल-फ़िलिस्तीन के दरम्यान बवाल कराता है ."(तालियाँ!!तालियाँ!!--)
"जब हम कहते हैं कि एक परमाणु हथियारधारी ईरान हमें मंज़ूर नहीं, तो नहीं!"
(और तालियाँ!!तालियाँ!!--)
बेहूदा दावा यह है कि अमेरिका को आतंकवाद के खिलाफ इजरायल की लड़ाई का समर्थन करना चाहिए क्योंकि इस्राइल पश्चिमी सभ्यता और अमेरिका के हित का बचाव कर रहा है जो की एक सफेद झूठ है.
अंतराष्ट्रीय समुदाय चुप्पी से या कमज़ोर बयानों से इज़रएली अराजकता को प्रोत्साहन देते हैं.
अमेरिका का इसराइल के साथ "मृत्यु तक एक साथ" जैसा संबंध अमेरिका की तटस्थ, ईमानदार और निष्पक्ष छवि को कम करता है.
अमेरिका से इज़राईल का मनोवैगयानिक बंधन ने अमेरिका की राजनीतिक संस्कृति और अमेरिकी समाज को पूरी तरह से कमजोर कर दिया है।पूरी दुनिया जानती है कि अमेरिका का ईरान को धमकाना और इज़राईल का समर्थन करना बेतुका है. ईरान के पास एक भी परमाणु हथियार नही है जबकि इज़राईल के पास 400 से ज़्यादा परमाणु हथियार हैं और उन्होने साफ़तौर पे कहा है की ज़रूरत पड़ने पर वे इसका इस्तेमाल युरोपियन मुल्कों के खिलाफ भी करेंगे!!
चौथा जिनेवा के अनुच्छेद 53 में कहा गया है:
"Any destruction by the Occupying Power of real or personal property belonging individually or collectively to private persons, or to the State, or to other public authorities, or to social or cooperative organizations, is prohibited, except where such destruction is rendered absolutely necessary by military operations."
इज़राईल सबको चॅलेंज करता है. वह अंतराष्ट्रीय क़ानून की धज्जियाँ उड़ाता है क्यूंकी कौन उसे ज़िम्मेदार ठहराएगा?
फ़िलिस्तीनी संपत्ति का विनाश सैन्य आवश्यकता की वजह से नही हो रहा. इज़राईल बिना किसी डर के अपना काम करता है क्योंकि विश्व के नेता उन्हें ऐसा करने देते हैं.
कल्पना करिए कि आप फिलिस्तीनी हैं और 46 सालों से ये सब से रहे हैं.
अमेरिका इराक और लीबिया के तानाशाही के बारे में चिंतित है,लेकिन वे मध्य पूर्व में तानाशाही के बारे में परवाह नहीं करते हैं, क्योंकि ये तानाशाह राजा उनके प्रकार के तानाशाह हैं जो उन्हें सस्ता तेल बेचेंगे, और रोथसचाइल्ड नियंत्रित स्विस बैंकों में अपनी कमाई डालेंगे.
रोथसचाइल्ड के चम्चे चर्चिल ने प्रथम विश्व युद्ध में यात्री जहाज ल्यूसितानिया को डूबा दिया जिससे अमेरिका को युद्ध में आने का बहाना मिल गया. चर्चिल की मां जेनी जेरोम रोथसचाइल्ड परिवार से थी . उपर की घटना से प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ और 1916 में इजरायल के जन्म के लिए 'बारफ्लोर डिक्लरेशन' सामने लाया गया.
ब्रिटिश ईसाइयों को इस बारफ्लोर घोषणा के बारे में भी पता नहीं था . रोथसचाइल्ड के कठपुतली चर्चिल ने पर्ल हार्बर के बहाने से दूसरे विश्व युद्ध का आगमन किया.
दूसरे विश्व युद्ध के बाद ही इज़राईल अस्तित्व में आया . 60 लाख यहूदी मौतों की कहानी बकवास है . वास्तविक गिनती इस का 1/6 है। यदि आप इस नंबर पे सवाल उठाते हैं तो 18 देश ऐसे हैं, जिनके नियम के अनुसार आपको जेल भेज दिया जाएगा.
इजरायल बनाने की विचारधारा 'ज़ियोनिस्म' थी . ज़ियोंनिज़्म तालिबान समान है.सारे मुसलमान तालिबानी नहीं होते.वैसे ही सारे यहूदी ज़िोनिस्ट नही होते.
समय के साथ जब उनकी ताक़त बड़ी,तब ज़ियोनिस्टों ने "वादा किया हुआ देश,प्रॉमिस्ड लैंड" का खूब प्रचार किया .
इसराइल में कोई भी यहूदी फिलिस्तीन से नहीं हैं . वे जॉर्जिया क्षेत्र के ख़ज़ार हैं. मूल यहूदी केरल के लोगों से संबंधित हैं। मैं केरल से हूँ. यह सब रोथसचाइल्ड का बनाया हुआ एक बड़ा झूठ है. जब से फिलीस्तीन को ऑटमन से अंग्रेजों ने "मुक्त" किया तब से उन्हें शांति,सुरक्षा नही मिली है.
अमेरिका में यहूदी अमीरज़ादों के आशीर्वाद से फिलिस्तीनी संयुक्त राष्ट्र के रेज़ल्यूशन 181 के तहत अपने ही देश में स्टेटलेस हो गए.
उनकी भूमि के साथ, उनके अधिकार भी छीन लिए गए . रोथसचाइल्ड के पश्चिमी मुल्कों की पूर्ण सहायता के साथ इज़राइल ने मिस्र,जॉर्डन,सिरिया,इराक़ से युद्ध किया और फ़िलिस्तीन की 50% ज़मीन को 6 महीने के भीतर हड़प लिया.
यह अवैध रूप से छीने गए क्षेत्र में गलिली,तटीय क्षेत्र,उत्तर-पश्चिमी जरूसलम आते हैं . फिलिस्तीनियों को वेस्ट बैंक और गाज़ा ही मिला,ये वे लोग हैं जो हज़ारों साल से उधर रह रहे थे.
800000 फिलिस्तीनियों को अपनी ज़मीनें छोड़के भागना पड़ा और पूरी दुनिया और संयुक्त राष्ट्र मुख दर्शक रह गए. कौन मुसलमानों की परवाह करता है? वे ईसाई या यहूदी नहीं हैं, है ना?
मध्य पूर्वी और इस्लामिक देशों के शासकों को उनके निजी काले धन के बारे में अधिक चिंता हैं जो कि रोथसचाइल्ड के स्विस बैंकों में रखे हैं. अगर इन शासकों ने ज़्यादा मूँह खोला या ज़्यादा होशियारी दिखाई तो इनके स्विस बैंक के अकॉंट फ्रीज़ या ब्लॉक हो जाएँगे.
ये शरणार्थियों को केवल अपनी मातृभूमि पर लौटने की इच्छा है. इजरायल अब वेस्ट बैंक के 97% और गाजा पट्टी के 41% से अधिक इलाक़े में राज करता है. यह दोनों इलाक़े फिलिस्तीनी औथोरेटी के अंतर्गत आते हैं. पश्चिमी तट पे रहने वाले फिलिस्तीनी और गाजा के लोग आज़ादी से चल नहीं सकते.
1993 के ओस्लो समझौते के बाद से ही इसराइल कब्जे वाले इलाक़ों में यहूदियों को बसने के लिए प्रोत्साहित दे रहा है इसलिए 50% ज़प्त ज़मीन पे कट्टर यहूदियों रहते हैं जो कि इज़रईली बंदूक-नीति के समर्थक हैं.
बसने वाले लोग अपने घरों को उपजाऊ भूमि पर ही बनाते हैं. हर पश्चिमी मीडिया ग़लत रिपोर्टिंग करता है क्योंकि लोग मुसलमान हैं-फिलिस्तीनियों को आतंकवादी बताया जाता है. पक्षपाती पश्चिमी मीडिया के अनुसार, फिलिस्तीनी हमेशा क्रॉस फायर में मारे जाते हैं।
अमेरिका सुनिश्चित करता है कि इजरायल हमेशा निर्दोष रहे और ये कि उन्हें फ़िलिस्तीनियों द्वारा घेरा गया है...वे कभी भी क़ब्ज़े वाली फिलिस्तीनी ज़मीन के बारे में बात नहीं करेंगे. फ़िलिस्तीनियों को हमेशा हिंसा के हर कार्य के लिए जिम्मेदार बताया जाता हैं.
इज़राईल को मध्य पूर्व में स्थिरता के देश के रूप में जाना जाता है. पश्चिमी मीडिया द्वारा किया गया कोई भी रिपोर्ट हमेशा इजराइली वरज़न होता है. इज़रईली आरामदायक ज़िंदगी जीते हैं--उनके बिल्डिंग,होटेल,स्विम्मिंग पूल,बुलेवार्ड सब फिलिस्तीनी ज़मीन पर बनाए गए हैं . उनके बच्चे स्कूल जाते हैं.
दूसरी ओर,फिलिस्तीनी बच्चों के पास जाने के लिए कोई स्कूल नहीं है. उन्हें पीने का सॉफ पानी भी नहीं मिलता और वे हमेशा इज़राईली हमले से डर के साए में रहते हैं . यहूदी निवासियों के पास बहुत पैसा है, और वे की सुरक्षा फेन्स के भीतर रहते हैं, जबकि फिलिस्तीनियों के पास कुछ नहीं है - क्योंकि वे मुसलमान हैं, है ना?
हर पश्चिमी शांति प्रस्ताव नकली होता है.
फसल के समय इस्राइली सैनिक फ़िलिस्तीनियों को अपनी भूमि तक पहुंचने से रोकते हैं। वे वारंट के बिना किसी भी फिलिस्तीनी को गिरफ्तार कर सकते हैं और जानबूझकर अदालती सुनवाई स्थगित करते हैं . गाजा पट्टी पर कोई मछली पकड़ने की अनुमति नहीं है.
सभी फिलिस्तीनी उपज यहूदी एजेंट के माध्यम से जाता है, जिसमे ये यहूदी सदियों से एक्सपर्ट हैं . केवल यहूदी ही एक्सपोर्ट कर सकते हैं.
चेन आरी का उपयोग करके शताब्दियों पुराने फिलिस्तीनी जैतून वृक्षों को काट दिया गया है। फिलिस्तीनी,छोटी रकम लेकर,यहूदियों के फैगिन और शाइलॉक जैसी दुकानों में काम कर सकते है.
यदि कोई फिलिस्तीनी घर खाली है तो यह इजरायल सैनिकों द्वारा बुल्डओज़र से नष्ट कर दिया जाएगा--सभी सरकार द्वारा प्रोत्साहित.
वे फिलिस्तीनी सेटल्मेंट पत्रों के साथ खेलते हैं और जब इसकी समय सीमा समाप्त हो जाती है तब उनकी सामाजिक सुरक्षा नहीं रहती और वे निर्वासित हो जाते हैं. फिलिस्तीनी लोगों को मायूस करने के लिए वे जमीन के पानी को खीच लेते है. यदि एक यहूदी एक फिलीस्तीनी को गोली मारना चाहता है, तो वह इजरायल सैनिकों द्वारा रोका नहीं जाएगा।
जब फ़िलिस्तीनियों को बिना वजह बिना वारंट के गिरफ्तार किया जाता है, वे वकीलों या परिवार से मिलने के हकदार नहीं होते.
प्रत्येक यहूदी बच्चे को ब्रेनवॉश किया गया है कि एक फिलीस्तीनी मुस्लिम उसका दुश्मन है. फिलिस्तीनी अपने मरे लोगों के लिए स्मारक या समाधि का पत्थर भी नहीं बना सकते।
ये चुतीयापा बहुत लंबे समय से चल रहा है!
क्या हमारी अंतर-आत्मा नही है?
क्या हम जानवर हैं? अब बहुत हो गया!
क्या हमें 3 विश्व युद्ध की ज़रूरत है?
हम सभी जानते हैं कि संयुक्त राष्ट्र की औकात क्या हैं और कौन इसे नियंत्रित करता है, है ना?
ईरानी फटटू नहीं हैं. वे लड़ना जानते हैं. बहुत जल्द पूरी दुनिया इसकी चपेट में आ जाएगी.
हम सभी जानते हैं कि संयुक्त राष्ट्र की औकात क्या हैं और कौन इसे नियंत्रित करता है, है ना?
ईरानी फटटू नहीं हैं. वे लड़ना जानते हैं. बहुत जल्द पूरी दुनिया इसकी चपेट में आ जाएगी.
हमें पता है कि कैसे यहूदियों ने दो विनाशकारी विश्व युद्ध लाए.
मैं एक गल्फ बंदरगाह में मैं एक फिलीस्तीनी पायलट (एक शरणार्थी) की दास्तान सुन रहा था. बीच में ही वह रोने लगा फिर मुझे अपने जहाज़ के सुरक्षा की चिंता होने लगी;क्या किसी को परवाह है?
अब से 20 साल बाद, मैं भविष्यवाणी करता हूं कि ये ज़ियोनिस्ट गुंडे आंतरिक हिंसा के द्वारा इतिहास के कूड़ेदान में होंगे--मेरी भविष्यवाणी हमेशा सही रही है.
मैं एक गल्फ बंदरगाह में मैं एक फिलीस्तीनी पायलट (एक शरणार्थी) की दास्तान सुन रहा था. बीच में ही वह रोने लगा फिर मुझे अपने जहाज़ के सुरक्षा की चिंता होने लगी;क्या किसी को परवाह है?
अब से 20 साल बाद, मैं भविष्यवाणी करता हूं कि ये ज़ियोनिस्ट गुंडे आंतरिक हिंसा के द्वारा इतिहास के कूड़ेदान में होंगे--मेरी भविष्यवाणी हमेशा सही रही है.
https://www.youtube.com/watch?v=5DEoDgq4rME
कॅप्टन अजीत वाडकायिल
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