Tuesday 9 October 2018

सूपर पंचतंत्रकप्तान अजीत वाडकायिल



यह पोस्ट नीचे के अंग्रेजी पोस्ट का हिन्दी में अनुवाद है:


यह पोस्ट नीचे के पोस्ट का हिन्दी में अनुवाद है:


नीचे  नीली फ़ॉन्ट में दी गई कहानी दुनिया की सबसे बड़ी कहानी हैयह ज्ञान से भारी हुई है 

औसत आईक्यू और बुद्धि वाला आदमी इस कहानी में 15 मिनट के भीतर  कम से कम 15 नैतिकता(moral) ढूंड सकता हैएक बुद्धिजीव 25 से अधिक नैतिकता प्राप्त करेगी  इस सरल परीक्षण को लें और पता लगाएं कि आप कहां खड़े हैं 

कहानी बताने के लिए प्रतिभा होना ज़रूरी है 

तो ये रही कहानी:- 

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एक गौरैया थी,सुंदर पर बहुत हठी और तीखी ज़ुबान वाली. 

वह अपने झुंड से तंग आकर ऊँचाई पर उड़ने की कोशिश करने लगी. 

काफ़ी समय तक वह ऊँचाई की सीमाएँ तोड़कर उपर उड़ रही थी. 
  
अचानक उसके पंख जम गए और वह गोल-गोल घूमकर धरती-माता पर जा गिरी. 

वहीं से गुज़रते हुए एक शेर ने उस जमे हुए पक्षी को देखा और उसपर दया दिखाई. 

उसे कुछ वादे रखने थे, और सोने से पहले मीलों का सफ़र भी तय करना था. 

गौरैया को पिघलाने के लिए दयालू शेर ने उस पक्षी पर टट्टी कर दिया. 
  
उसकी चोंच पहले पिघली--जिसके बाद उसने शेर को खूब गालियाँ दीं. 
  
वहाँ से गुज़रती हुई एक लोमड़ी ने शोर सुना और शेर के पास से निकलकर उसने गौरैया को खा लिया. 

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अब, मुझे आपको पंचतंत्र शब्द से परिचय कराना होगा. 
  
हर भारतीय इसे जानता है 

21 दिसंबर 2010 को मैने पोस्ट लिखा था SUPER TYPHOON BART, THE PERFECT STORM (दुनिया का सबसे ख़तरनाक 5 श्रेणी वाले  तूफान) जहाँ मैंने हवा और पहाड़ के बीच की लड़ाई के बारे में पंचतंत्र कथा की नैतिकता का पालन करके आसानी से तूफान से अपने जहाज़ को बचा लिया. 

पंचतंत्र पंडित विष्णु शर्मा द्वारा लिखित 3000 से अधिक जंगल कहानियों की एक श्रृंखला है, प्रत्येक कहानी में  नैतिकता है 
इस ग्रह पर (अफ्रीका समेतकिसी अन्य देश इतने विभिन्न जानवर और चिड़ियाएँ नहीं हैं जितना भारतीय जंगलों में हैं. इस जंगली जीवन व्यवहार को देखकर बुद्धिमत्ता आई है 
ज्ञान प्राप्त करते समय, आपको और अधिक जानना होगा 

पंचतंत्र कथाएं मूल रूप में उपलब्ध हैं, और 5000 साल से जीवित हैं 


राजा अमरशक्ति ने विंध्या के दक्षिण में एक विशाल साम्राज्य पर शासन कियाराजा के तीन बेटे थेलेकिन सभी तीन पहले क्रम के मंदबुद्धि थेराजा बहुत दुखी था, कि उसकी मृत्यु के बाद, उसके राज्य को भुगतना होगा 
उसके एक मंत्री ने राजा को डिप्रेशन में देखकर विष्णु शर्मा नामक एक बुद्धिजीव को राजा से मिलवाया. 

राजा ने विष्णु शर्मा को भूमि और धन की बहुत सारी पेशकश की, शर्त ये थी अगर वो राजा के तीनों बेटों के साथ कुछ करे और उन्हें योग्य राजकुमार बनाए. 
विष्णु शर्मा ने पैसे लेने से इंकार कर दियाउसने अपने सभी तीन लड़कों को उनके आश्रम में ले लिया, और उन्हें 6 महीने में असीमित ज्ञान दिया 

यह एक तरह का चमत्कार थाउसकी विधि सरल थीउसने कुछ नहीं पड़ाया. उसने 3000 से अधिक रोचक कहानियां सुनाईं. 
प्रत्येक कहानी में एक मुख्य नैतिक था, जो धीरे-धीरे, राजकुमार बता सकते थेउसने उन तीनों के अवचेतन दिमाग को स्वरूपित किया 

विष्णु शर्मा को मालूम था कि-- 
एक होलोग्रफ़िक मस्तिष्क में, कहानियां शुष्क अवशोषण से बेहतर परिवर्तन उत्पन्न करती हैंकहानियां विश्वास उत्पन्न करती हैं और मस्तिष्क नेटवर्क में कठोर हो जाती हैं - वे अपने जीवन के माध्यम से बहने वाली सूक्ष्म धाराओं को सहजता से समझने के तरीकों में मदद करते हैं .. 



साथ ही शाही जीवन में दैनिक सरकारी मामलों में आवश्यक व्यावहारिक ज्ञान को उनके अवचेतन दिमाग में डाला गया थाभारतीय संस्कृति के अनुसार इसमें धर्म और उचित नैतिक आचरण भी शामिल है 
कहानियों में उनमें निहित थे- फीलौसोफी, मनोविज्ञान, मानव संबंध सिद्धांत और नैतिकता, करुणा, टीमवर्क, नेतृत्व और व्यंग्य जैसे कई मूल मूल्य 

याद रखें कि उसने मानव, पशु, पक्षी और प्रकृति के पात्रों के साथ कहानियाँ बनाईं थीं. 

कहानियां गद्य में हैं, लेकिन नैतिकता छंद में हैं। 



सच्चाई सभी लोगों, सभी जगहों और हर समय के लिए थी। इन कहानियों का अनुवाद 60 से अधिक भाषाओं में किया गया है। इनमें से बहुत से देश कहानियों को खुद का बताने का दावा करते हैं जबकि उनके यहाँ एक भी मोर, या बाघ या गेंडा या हाथी नहीं हैं. 

क्या मुझे और कुछ कहना चाहिए? 

 


ऊपर पंचतंत्र की फोटो सेंट्रल जावा, इंडोनेशिया के एक प्राचीन मर्कुट मंदिर से है.




 कप्तान अजीत वाडकायिल 



















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नैतिक नंबर 1: जल्दबाज़ी मत करो.

व्याख्या:

यदि आप ऐसा करते हैं, तो आप शुरू करने से पहले दौड़ से बाहर हो जाएँगे. जैसे ही उसकी चोंच निकलती है, वैसे ही गौरैया शेर को गाली देने लगती है। अगर  वह पंख  मुक्त होने का इंतेज़ार करती तो वह एक हिस्से में होकरभी दुर्व्यवहार कर सकती थी और उड़ सकती थी।



नैतिक नंबर 2:सही समय ही सबकुछ है.

व्याख्या:

जब तुम गर्दन तक टट्टी में फसे हुए हो पर ठीक हालत में हो, तो विकल्प देखकर ही कदम उठाओ.
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मेरे 16 वर्षीय बेटे ने इस कहानी के कुछ मौरल निकाले हैं:

1) तेज़ ज़ुबान खुद के होंठ को काटती है.
2) अल्पकालिक सुखों में जाना ठीक है पर  ज़्यादा समय तक इनमें मत रहो.
3) किसी को गाली मत दो क्यूंकी तुमने 15 रुपय की उम्मीद की थी और उसने तुम्हे 10 रुपय ही दिए.
4) मदद मदद होती है,चाहे वो किसी भी प्रकार की हो.
5) उन दोस्तों को जानो,जो तकलीफ़ के समय तुम्हारी मदद करते हैं.
6) कभी-कभी लोग तुम्हारे भले के लिए तुमपर गुस करेंगे.
7) झटके से प्रतिक्रिया  देना नुक़सानदायक है, शेर ने गर्म टट्टी से गौरैया को पिघलाया.
8) कृतघ्नता कोई नहीं सहता,इसलिए लोमड़ी ने उस गौरैया को खाया जिसकी मदद शेर ने की थी.
9) तब तक अपनी ज़ुबान ना चलाओ जब तक तुम्हारा दिमाग़ गियर में ना हो.
10) प्रभावाशाली लोग कभी-कभार तुमपे ज़्यादा समय नहीं बर्बाद करेंगे, इसलिए वे अपने हिसाब से तुम्हारी मदद करेंगे,नाकी तुम्हारे हिसाब   से. इसलिए शेर ने जमे हुए गौरैया को फूँक मारकर मदद नहीं की.

11) जब आप एक शक्तिशाली व्यक्ति को गाली देते हो, तो ऐसा सार्वजनिक रूप से न करो, क्योंकि अवसरवादी लोग तत्काल लाभ उठाएंगे.
12) तभी मारो जब लोहा गरम हो.
13) मजबूर इंसान को कभी गाली नहीं देनी चाहिए.
14) अपनी औकात से बाहर मत जाओ.
15) अपने लोगों में रहकर खुश रहो.
16) गुस्सा तुम्हे बर्बाद कर सकता है.
17) अहंकार गिरने से पहले चला जाता है
18)  शक्की दिमाग़ हमेशा चीज़ों के काली तरफ ही देखता है.

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यह पोस्ट नीचे के अंग्रेजी पोस्ट का हिन्दी में अनुवाद है:


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